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अप्रैल 1, 2013 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

सोनी सोढ़ी के लिए

दो युवतियाँ बिना निशान छोड़े गायब हो गईं हैं  जैसे कश्मीर से गायब हो जाती थीं भेड़ें आक्रोश बढ़ रहा है अपनी बेटियों की हिफाजत के लिए हम तरीके खोज रहे हैं हमारी बेटियां हमारी विरासत हैं हमें अच्छा लगता है जंगल का कानून जो जंगल की हिफाजत के लिए है जंगल में हथियार बंद सिपाही बढ़ते जा रहे हैं हर बार उन्हें लगता है हम गलत हैं हम पराजित हो जायेंगे हम पराजित हो जायेंगे, ख़त्म हो जाएगा हमारा खेल उन्हें लगता है हमारा हौसला टूट रहा है हमारी टुकड़ियों के पास खाने का पैकेट और पानी नहीं है हमारी हिफाजत के लिए हत्या का हथियार लिए वे घूम रहे हैं सबसे चिकनी खालों वाले बिल्ले एक दिन टूटेगा उनका गुमान जब हमारा खून गवाही देगा हम भी लड़ रहे हैं अपने वाजिब हकों के लिए ग्रेहाउंड, कोब्रा, स्कोर्पियन सिपाहियों से मिलती जुलती उन शिकारियों की शक्लें जिनके हाथों में संगीने हैं कभी-कभी बहुत निर्दोष लगते हैं लगता है हममें और उनमें बहुत फर्क नहीं वे हम लोगों की तरह गरीब और सताए हुए लोग हैं वे मजलूम और सताए किसान के बेटे हैं उनका जज्बा यहाँ आकर टूट जाता है जब वे मेरी तरह जि...